उत्तर प्रदेशग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआर

आज गौतम बुद्ध नगर विकास समिति के सदस्यों की बैठक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 2 में संपन्न हुई

 

आज गौतम बुद्ध नगर विकास समिति के सदस्यों की बैठक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 2 में संपन्न हुई, जिसमें क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक का उद्देश्य नागरिक सुविधाओं में सुधार हेतु संबंधित प्राधिकरणों को सुझाव देना और उनके समाधान हेतु रणनीति तैयार करना रहा।

सरकारी अस्पताल की आवश्यकता:

ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसी तेजी से बढ़ती आबादी वाले क्षेत्र में अब तक एक भी सर्व सुविधा से संपन्न सरकारी अस्पताल न होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। समिति ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और क्षेत्र में एक सर्वसुविधायुक्त सरकारी अस्पताल की तत्काल स्थापना की माँग की।

प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी और लूट:

क्षेत्रवासियों को इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा मनमानी फीस और अत्यधिक चार्जेस का सामना करना पड़ रहा है। समिति ने कहा कि जब तक सरकारी स्वास्थ्य ढांचा नहीं बनता, तब तक प्रशासन को निजी अस्पतालों की निगरानी कर मूल्य नियंत्रण के निर्देश देने चाहिए।

फीडर बस और लोकल बस सेवाएं:

कई बार निवेदन के बावजूद ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फीडर व लोकल बस सेवाएं प्रारंभ नहीं हो सकीं हैं। इससे लोगों को मेट्रो या अन्य क्षेत्रों तक पहुंचने में भारी कठिनाई हो रही है।

बढ़ता ट्रैफिक और स्पीड ब्रेकर की जरूरत:

क्षेत्र में यातायात का दबाव तेजी से बढ़ रहा है। दुर्घटनाओं से बचाव हेतु स्पीड ब्रेकर और सिग्नल सिस्टम की माँग दोहराई गई।

फुट-ओवर ब्रिज की मांग:

हाल ही में सड़क पार करते समय एक सुरक्षा गार्ड की मृत्यु हुई, जो सड़क सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है। समिति ने व्यस्त सड़कों पर फुट-ओवर ब्रिज की आवश्यकता को प्राथमिकता देने की बात कही।

*साइकिल ट्रैक, STP, वॉटर हार्वेस्टिंग, नाली सफाई और पब्लिक टॉयलेट* की समस्याएं भी बैठक में प्रमुखता से उठाई गईं और इन सभी विषयों पर जल्द समाधान हेतु कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय, सचिव अनूप कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हिमांशु राजपूत, गरिमा श्रीवास्तव, अरुण सारस्वत, अनिकेत, रजनी, आकांक्षा, अमित सहित कई सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे।

समिति के सदस्यों ने कहा कि वह जनहित से जुड़े हर मुद्दे को लगातार हर मंच पर उठाती रहेगी, जब तक समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो जाता।

 

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