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थ्रोम्बोस्ड एनेयूरिज्म से जूझ रही महिला की जान डॉक्टरों ने एंडोवास्कुलर कोइलिंग से बचाई

फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरो ने गंभीर पेट दर्द की शिकायत पर मरीज का सफल ऑपरेशन कर बचाई जान

नोएडा सेक्टर-137 फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने पेट में असहनीय दर्द की शिकायत लेकर पहुंची महिला का सफल ऑपरेशन किया है। कंट्रास्ट एन्हांस्ड कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीईसीटी) स्कैन के दौरान पता चला कि मरीज केगैस्ट्रो डुओडेनल आर्टरी (जीडीए) में एक संकीर्ण गर्दन वाली आंशिक रूप से एन्यूरिज्म है। जिसका आकार लगभग 15.6×13.4 मिमी था। अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लेते हुए एंडोवास्कुलर एनेयूरिज्म कोइलिंग प्रक्रिया को अपनाया। जिससे मरीज की जान बचाई जा सकी है।

इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. नियति शर्मा ने बताया कि सरोज 11 मार्च को गंभीर पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आई थीं। जांच के दौरान पाया कि उनकी गेस्ट्रो डुओडेनल आर्टरी (जीडीए) में एक एनेयूरिज्म (रक्त वाहिका में गुब्बारे जैसी सूजन) था। यह स्थिति बेहद संवेदनशील थी, क्योंकि यदि एनेयूरिज्म फट जाता, तो यह आंतरिक रक्तस्राव और अन्य गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता था। स्थिति को गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने तुरंत एंडोवास्कुलर कोइलिंग प्रक्रिया करने का निर्णय लिया। एंडोवास्कुलर कोइलिंग एक आधुनिक और न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें कैथेटर (एक पतली नली) के माध्यम से छोटे धातु के तार (कोइल) एनेयूरिज्म के अंदर डाले जाते हैं। ये कोइल रक्त प्रवाह को अवरुद्ध कर देते हैं और एनेयूरिज्म को और बढ़ने से रोकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान कोई बड़ा चीरा नहीं लगाया जाता और यह बेहद सुरक्षित मानी जाती है।

अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन के दौरान मरीज को लोकल एनेस्थीसिया (सिर्फ प्रभावित क्षेत्र को सुन्न करने वाली दवा) दी गई। डॉक्टर ने कुल सात कोइल का उपयोग किया, जिनमें दो 5 मिमी कोइल, दो 4 मिमी कोइल, तीन 3 मिमी कोइल शामिल थे। इन कोइल्स की मदद से एनेयूरिज्म के अंदर रक्त प्रवाह को रोक दिया गया। जिससे यह और अधिक खतरनाक स्थिति में नहीं पहुंचा। पूरी प्रक्रिया बेहद सावधानीपूर्वक की गई और यह बिना किसी जटिलता के सफल रही। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। इस तरह की न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया से मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं और उन्हें ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता नहीं होती। पेट में लगातार तेज दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को अचानक से अत्यधिक पेट दर्द, मतली, उल्टी या कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सा परामर्श लेना चाहिए। गेस्ट्रोडुओडेनल आर्टरी एनेयूरिज्म एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है। अचानक और तेज पेट दर्द, पाचन तंत्र में रक्तस्राव, उल्टी में खून आना, कमजोरी और चक्कर आना इसके लक्षण हैं। बचाव के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना और यदि उच्च रक्तचाप, धूम्रपान या परिवार में किसी को पहले एनेयूरिज्म हुआ हो तो सतर्क रहना आवश्यक है। डॉ. नियति शर्मा और उनकी टीम की तत्परता और कुशलता के कारण सरोज की जान बचाई जा सकी। समय पर इलाज से गंभीर स्थितियों से मरीज को बचाया है। मरीज अब स्वस्थ हैं और पूरी तरह ठीक है।

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